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देवास औद्योगिक क्षेत्र में 71 प्लांट कोयला जलाकर फैला रहे प्रदूषण, ग्रीन फ्यूल के लिए बैठक

शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए औद्योगिक संचालकों संग बैठक

देवास। शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता की अध्यक्षता में औद्योगिक संचालकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा हुई, जिसमें जिले के औद्योगिक इकाइयों में कोयले के बजाय ग्रीन फ्यूल जैसे एलपीजी, पीएनजी और बायोगैस का उपयोग करने पर जोर दिया गया।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी हेमन्त तिवारी ने जानकारी दी कि देवास की 71 इंडस्ट्रीज ऐसी हैं, जो कोयले का उपयोग कर रही हैं, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन उद्योगों में से 30 ने पहले ही ग्रीन फ्यूल का उपयोग शुरू कर दिया है, और शेष उद्योगों को भी जल्द ही ग्रीन फ्यूल में परिवर्तित किया जाएगा।

जिला कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि मार्च 2025 तक सभी उद्योगों को ग्रीन फ्यूल में परिवर्तित किया जाए। नगर निगम को शहर में स्थित ईंट भट्टों को शहर के बाहर विस्थापित करने और यातायात विभाग के सहयोग से जन जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के भी निर्देश दिए गए। साथ ही, गेल गैस को अपने वेंडर की बैठक आयोजित कर उन्हें इस परिवर्तन प्रक्रिया में सहयोग करने के निर्देश दिए गए।

इस बैठक में निगम आयुक्त रजनीश कसेरा, महाप्रबंधक जिला उद्योग व्यापार केंद्र मंगल रैकवार, क्षेत्रीय अधिकारी हेमन्त तिवारी, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, तथा औद्योगिक इकाइयों के संचालक मौजूद रहे।

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