देवासप्रशासनिक

देवास में खनिज विभाग की मिलीभगत से शासन को लग रहा करोड़ों का चूना, देवास में सीहोर का ठेकेदार कर रहा वसूली

देवास लाइव. मध्यप्रदेश के देवास में नर्मदा की रेत निकालने के लिए कागजों पर तो ठेका दे दिया गया लेकिन अब तक रेत उठाने के की परमिशन नहीं दी गई. सिर्फ अर्नेस्ट मनी भर कर देवास की खदाने 6 महीने से अटका लीं गईं. इसी का लाभ उठाते हुए सीहोर के ठेकेदार ने देवास में जगह जगह बेरीकेट लगा कर वसूली शुरू कर दी. इस वसूली में देवास के खनिज विभाग की सहमती भी नज़र आ रही है. इधर शासन को करोड़ों की रेत की रायल्टी की चपत लग रही है. इस खेल में देवास का ठेकेदार भी शामिल बताया जा रहा है. उसने जानबूझ कर खदानों को कुछ राशी जमा कर अटका लिया और आगे की परमिशन नहीं ली. देवास के ठेकेदार को सीहोर से पैसा मिल रहा है.

जिले मे खोले अवैध नाके, जीप से घूम कर वसूली

जिले मे कई स्थानों पर सीहोर के ठेकेदार ने अवैध नाके लगा रखे हैं और इन नाकों पर रेत परिवहन करने वाले वाहनों को रोक कर 1200 रुपए प्रति घन मीटर रेत की रायल्टी वसूली जा रही है. कई बार कच्ची रसीद भी काटी जा रही है. रायल्टी के साथ भराई भी की जानी चाहिए लेकिन रेत का धंधा करने वालों को भराई का पैसा भी अलग से देना पड़ रहा है. बाज़ार में इसी वजह से रेत के दाम आसमान पर पहुँच गए है.

देवास के ठेकेदार और खनिज वालों की कमाई?

देवास की खदानों से रेत का उठाव न होने से सीहोर का ठेकेदार देवास के ठेकदार और खनिज विभाग की जेब भर रहा है. इससे शासन को करोड़ों का चूना लग रहा है क्योकि देवास की खदानों का पूर पैसा ठेकेदार ने भरा ही नहीं और खदाने अटका लीं. सीहोर से भर कर आने वाले वाहनों से जमकर वसूली और दादागिरी की जा रही है. खनिज विभाग के जिम्मेदार छोटे मोटे वाहनों को पकड़ कर वाहवाही लूट रहे हैं जबकि रेत का खेल अलग ही चल रहा हैं. रेत की सप्लाई को सीमित कर इसके दाम आसमान पर पहुचाये जा रहे हैं.

कहाँ कहाँ है अवैध नाके

प्राप्त जानकारी के मुताबिक देवास के धनतलाव, कुसमानिया, संदलपुर, दीपगांव, और मालेगांव में अवैध नाके लगाए गए हैं और यहाँ पर गुंडातत्व की भर्ती कर जबरन वसूली की जा रही है. यही नहीं करीब 8-10 गाड़ियों में ठेकेदार के लोग भर कर रास्ते में गाड़ी की चेकिंग भी करते हैं, अगर पैसा दिया तो ठीक नहीं तो थाने या खनिज विभाग से मिल कर केस बनवाया जाता है बदले में थाने और खनिज विभाग की जेब गरम की जाती है.

केस बनाने में हम संभाग में एक नम्बर पर

जिला खनिज अधिकारी रश्मि पाण्डेय का कहना है की देवास की खदानों का एक अनुबंद हो चुका है और एन्वायरमेंट क्लीयरेंस नहीं हुआ है. संभाग में हम अवैध परिवहन के केस बनाने में पहले स्थान पर हैं. ठेकेदार ने रायल्टी का पैसा नहीं भरा है जल्दी ही खदाने शुरू हो जायेगीं. बेरियर लगाने का अधिकार देवास के ठेकेदार का है. अगर सीहोर का ठेकेदार वसूली कर रहा है तो गलत है.

sardana
Sneha
san thome school
Back to top button