देवास। ग्राम पंचायत पुंजापुरा की ग्राम सभा द्वारा 8 शासकीय भवनों पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी। जांच में 6 शासकीय भवनों पर अवैध कब्जा दर्शाया गया। इन 6 शासकीय भवनों को अवैध कब्जा धारियों से मुक्त कराने का आदेश भी जारी कर दिया गया। लेकिन दो दबंग अवैध कब्जा धारियों की शिकायत की जांच में जांचकर्ताओं ने सत्य तथ्यों को जानबूझकर नजरअंदाज कर ग्राम पंचायत की ग्राम सभा द्वारा की गई शिकायत को प्रथम दृष्टियता का सहारा लेकर निराधार असत्य साबित कर दिया। इस बात से दुखी होकर ग्राम पुंजापुरा के ग्रामीण जनों ने जिलाधीश को सत्य तथ्यों और साक्ष्यों के बारे में जानकारी दी तथा 11 बिंदुओं पर पुन: जांच कराने का ज्ञापन दिया। ग्रामीणों ने बताया कि मोहन हनवाल ने बागली-पुंजापुरा मार्ग पर बने पुराने शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय भवन पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा कर रखा है, इसकी शिकायत हमने बागली के तत्कालीन एस.डी.एम.श्रीवास्तव को की थी। उक्त प्रकरण में बता दिया गया कि शा.आयुर्वेदिक भवन मौके पर है ही नहीं। ग्रामीणों ने उक्त शासकीय आयुर्वेदिक भवन की तस्वीर पेश करते हुए पुन: अन्य किसी सक्षम अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच करवाकर, उक्त शा.भवन से अवैध कब्जे को हटवाए जाने का अनुरोध किया।
इसी प्रकार 60-70 वर्ष पुराने शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के खंडहर भवन पर महेश सांखला ने फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर अवैध कब्जा कर रखा है। ग्रामीणों ने रजिस्ट्री में दर्शाए गए तथ्यों से जिलाधीश को अवगत कराते हुए बताया कि महेश सांखला ने 3 किलोमीटर अंदर के स्थान की रजिस्ट्री कराई है, तो फिर मेन रोड पर बने शासकीय खंडहर भवन की भूमि पर उक्त रजिस्ट्री के आधार से कैसा कब्जा किया जा रहा है। उक्त भूमि की चतुर सीमा रजिस्ट्री में दर्शाइ गई चतुर सीमा से बिल्कुल ही भिन्न है।
रजिस्ट्री में ऐसे कई बिंदु है जिनका भौतिक सत्यापन कराए जाने पर फर्जीवाड़ा स्पष्ट उजागर हो जाएगा। महेश सांखला ने अपने कथन में बताया कि उक्त स्थान पर मेरा 20-25 वर्षों से कब्जा चला आ रहा है। जबकि वास्तविकता यह है कि लोक निर्माण विभाग ने ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर पत्र क्र. 2416/ 20-6-2018-19 के माध्यम से कलेक्टर से शासकीय अस्पताल के भवन को कंडम घोषित करवाने का निवेदन किया। ऐसी स्थिति में महेश सांखला का उक्त स्थान पर पिछले 20-25 वर्षों से कैसे कब्जा चला आ रहा था। उक्त मामले की पुन:जांच क्षेत्रीय विधायक पहाड़ सिंह कन्नौजे द्वारा भी की गई थी। ग्रामीणों ने अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि शासन की करोड़ों की भूमि पर हम अवैध कब्जा नहीं होने देंगे। प्रशासन द्वारा लापरवाही पूर्वक की जारी कार्यवाही से ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया।