देवास। अखिल भारतीय महापौर परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सम्मेलन देवास के होटल रामाश्रय पैराडाइज में संपन्न हुआ, जिसमें स्वच्छता और शहरों के विकास को लेकर गहन मंथन हुआ। सम्मेलन में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि स्वच्छता हमारे संस्कार और स्वभाव में होनी चाहिए। उन्होंने स्वच्छता को सेवा के रूप में अपनाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि किसी भी शहर के विकास में महापौर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
राज्यमंत्री बागरी ने इंदौर के सात वर्षों से स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त करने की सराहना की और प्रदेश की अन्य नगरपालिकाओं को इसे प्रेरणा मानने की अपील की। उन्होंने स्वच्छता को केवल एक जिम्मेदारी न मानते हुए इसे जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही।
विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पवार ने देवास के स्वच्छता और विकास में नए आयाम स्थापित करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों के बीच होते हुए भी देवास ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देवास को पिछले कुछ वर्षों में विकसित और स्वच्छ शहर के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने महापौर परिषद को स्थानीय सरकार का दर्जा मिलने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने महापौरों से अपील की कि वे अपने अधिकारों को समझें और शहर के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहें।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आए महापौरों ने अपने अनुभव साझा किए। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 74वें संविधान संशोधन के तहत सिटी की सरकार के सुचारू संचालन पर जोर दिया। करनुल के महापौर बोयायेल्ला रमाई ने मेयर के प्रोटोकॉल में सुधार की आवश्यकता बताई, जबकि छिंदवाड़ा के महापौर विक्रमसिंह अहाके ने महापौरों के अधिकारों में बढ़ोतरी की मांग की।
सम्मेलन के समापन पर देवास महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल ने शहर के विकास के लिए तैयार किए गए रोडमैप को प्रस्तुत किया और विभिन्न विकास कार्यों की उपलब्धियों का उल्लेख किया। स्वच्छता में देवास ने सफाई मित्र सुरक्षा प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, साथ ही प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में भी शीर्ष स्थान हासिल किया है।
सम्मेलन के बाद अतिथियों ने देवास के धार्मिक स्थलों, मां चामुंडा, मां तुलजा भवानी और महाकाल मंदिर के दर्शन किए।