देवास: अमित नगर गृह निर्माण संस्था पर करोड़ों की हेराफेरी का आरोप, 11 पर प्रकरण दर्ज
औद्योगिक क्षेत्र पुलिस में 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज, फर्जी दस्तावेजों से भूखंड आवंटन का मामला
देवास। अमित नगर गृह निर्माण संस्था मर्यादित, बालगढ़, देवास के खिलाफ भूखंडों के अवैध आवंटन और पुराने सदस्यों को बाहर कर नए सदस्यों को जोड़ने का आरोप लगाते हुए संस्था के खिलाफ औद्योगिक क्षेत्र थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ताओं ने संस्था अध्यक्ष और संचालक मंडल पर करोड़ों की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।
पुराने सदस्य बोले, “किस्तों में पैसा जमा किया, पर भूखंड नहीं मिला”
शिकायतकर्ता रमेश बोर्डिया और उनके साथियों सत्यनारायण लाठी, कमलेश लूनिया, टीकमचंद मोर्य, वीरेंद्र सांगते और योग चिंचाणी ने औद्योगिक क्षेत्र थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, उन्होंने 1981-1982 में संस्था में अपने भूखंड बुक कराए थे और लगातार किस्तों में भुगतान भी किया। इसके बावजूद उन्हें भूखंड का कब्जा या विकास कार्य का लाभ नहीं मिला।
फर्जी तरीके से बाहर कर नए सदस्यों को जोड़ा गया
शिकायत में बताया गया कि वर्ष 2013 में संस्था ने विकास कार्य के लिए अतिरिक्त राशि मांगी, जिस पर रमेश बोर्डिया और उनके साथियों ने 30,000 से 45,000 रुपये के चेक दिए, परंतु संस्था अध्यक्ष गुंजन चौधरी ने चेक लेने से मना कर दिया और बाद में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। इसके बाद संस्था में नए सदस्यों को जोड़ लिया गया और पुराने सदस्यों को जानकारी दिए बिना ही उन्हें बाहर कर दिया गया।
उपायुक्त की जांच में मिली अनियमितताएं
शिकायत के बाद 14 जून 2021 को उपायुक्त, देवास को इस मामले की जानकारी दी गई। जांच में पाया गया कि संस्था के अध्यक्ष गुंजन चौधरी और अन्य संचालक मंडल के सदस्यों, जैसे नितिन राव, प्रतीक चौधरी, गौरव पांडे, अभिमन्यु जैन, संदीप चौधरी, श्रीमती सोनाली चौधरी, बलजीत सिंह, श्रीमती ममता चौधरी, अमरीष चौधरी, और मनोज पटेल द्वारा संस्था में अनियमितताएं की गई थीं। इसके बाद उपायुक्त ने संस्था को भंग कर फाउंडर सदस्यों की सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया, परंतु संस्था ने आदेश का पालन नहीं किया।
संस्था पर 11 लाख से अधिक रुपये की वसूली का आरोप
शिकायत के अनुसार, संस्था ने वर्ष 2013 से 2023 तक नए सदस्यों से 11 लाख 37 हजार रुपये वसूले, जिनका कोई हिसाब-किताब संस्था की केस बुक या बैंक खातों में नहीं है। वर्ष 2019 में बनाए गए नए सदस्यों को उपायुक्त ने अपात्र घोषित कर दिया था, पर उनके पैसों का भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
पुलिस ने 11 लोगों पर दर्ज किया केस
इस मामले में औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने आरोपी गुंजन चौधरी, नितिन राव, प्रतीक चौधरी, गौरव पांडे, अभिमन्यु जैन, संदीप चौधरी, श्रीमती सोनाली चौधरी, बलजीत सिंह, श्रीमती ममता चौधरी, अमरीष चौधरी और मनोज पटेल के खिलाफ धारा 420, 406, 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शिकायतकर्ताओं ने पुलिस से मांग की है कि संस्था के अध्यक्ष और संचालक मंडल के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और उनके भूखंडों की बहाली कराई जाए।
न्याय की मांग
शिकायतकर्ता का कहना है कि संस्था के संचालकों ने फर्जी तरीके से भूखंड अपने रिश्तेदारों के नाम आवंटित किए और लाखों रुपये की हेराफेरी की है। उन्होंने इस मामले में न्याय की मांग करते हुए कार्रवाई की अपील की है।