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देवास: सीएमएचओ कार्यालय में 4.26 करोड़ का घोटाला, कोरोना काल में खरीदी में की गड़बड़ी


देवास लाइव। सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) कार्यालय देवास में 4.26 करोड़ रुपये का सामग्री खरीदी घोटाला सामने आया है। यह घोटाला कोरोना महामारी के दौरान सबसे अधिक मात्रा में की गई खरीदी के समय हुआ। उज्जैन कोष व लेखा विभाग के संयुक्त संचालक की जांच में यह खुलासा हुआ है। उज्जैन से जांच रिपोर्ट देवास कलेक्टर को भेज दी गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि किस तरह से अनियमितताएं हुई हैं और कौन-कौन से अधिकारी-कर्मचारी इसमें शामिल हो सकते हैं।


तीन महीने पहले, कोष व लेखा कार्यालय ने सीएमएचओ कार्यालय से सभी रिकॉर्ड जब्त कर लिए थे। यह कार्रवाई आयुक्त कोष व लेखा भोपाल द्वारा जिला प्रशासन को सीएमएचओ कार्यालय में गबन की रिपोर्ट मिलने के बाद की गई थी। कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने तत्काल एसडीएम और तहसीलदार को भेजकर रिकॉर्ड जब्त करवाने और खातों को सीज करवाने का आदेश दिया था। इन कदमों के चलते उज्जैन कोष व लेखा कार्यालय को जांच करने और साक्ष्यों को एकत्र करने में सुविधा हुई।

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि सीएमएचओ कार्यालय में 4.26 करोड़ रुपये की सामग्री खरीदी में भारी अनियमितताएं थीं। हर बिल में गड़बड़ी पाई गई, और सामग्री की वास्तविक कीमत से अधिक बिल बनाए गए। सबसे ज्यादा खरीदी कोरोना महामारी के दौरान की गई, जब स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत सबसे अधिक थी। कई बिल ऐसे थे जिनमें सामान की कीमत वास्तविकता से कहीं ज्यादा दिखाई गई थी।


कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि जांच रिपोर्ट में लगभग 70 से 80 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। अब इनकी विस्तृत जांच की जाएगी कि किसके द्वारा कितनी राशि और किस उद्देश्य से खर्च की गई है। सभी बिलों की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

यह खबर स्वास्थ्य विभाग में कोरोना काल के दौरान किए गए भ्रष्टाचार की पोल खोलती है। जब देश और राज्य महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तब इस प्रकार की अनियमितताएं न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि नैतिकता और इंसानियत के खिलाफ भी हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्धारित धन का दुरुपयोग करना निंदनीय है। ऐसे समय में जब हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत थी, तब इस प्रकार के घोटाले ने लोगों की जान को खतरे में डाला। यह भ्रष्टाचार हमारे स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरियों को उजागर करता है और दिखाता है कि कैसे कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए जनता की भलाई को नजरअंदाज कर देते हैं।

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