मध्य प्रदेश की विधानसभा में पेश हुए बजट 2024-25 ने देवास के निवासियों को निराश किया है। बजट में जिले को कुछ नई सड़कों के अलावा कुछ भी नहीं मिला। जिले के लिए ग्रीन स्किलिंग आईटीआई में सोलर टेक्नीशियन और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की घोषणा की गई है, लेकिन इसके अलावा कोई ठोस विकास योजना नहीं दिखी।
कांग्रेस की आलोचना
कांग्रेस ने इस बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी और कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर शर्मा ने कहा कि यह बजट केवल आंकड़ों की हेराफेरी है। उन्होंने बजट को चुनावी वादों से दूर बताते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। एमएसपी को लेकर किसानों के साथ छलावा किया गया है, जिससे किसान और युवा दोनों ही निराश हैं।
सिंहस्थ और इंदौर-उज्जैन का विशेष ध्यान
बजट में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए अधिकतर सुविधाएं उज्जैन को दी जा रही हैं। इंदौर के लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है, जबकि इन दोनों शहरों के बीच स्थित देवास की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देवास का विधानसभा में कमजोर नेतृत्व होने के कारण जिले की अनदेखी की जा रही है।
भ्रष्टाचार की संभावना
कांग्रेस ने पेड़ लगाने के अभियान में भी भ्रष्टाचार की संभावना जताई है। पिछले वर्ष लगाए गए पौधे देखरेख के अभाव में सूख गए थे। इस बार 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी देखरेख के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है।
निष्क्रियता के आरोप
कांग्रेस ने देवास के जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे जिले के विकास के लिए आवाज उठाने में असमर्थ रहे हैं। देवास को मेट्रो की सौगात भी नहीं मिली, जो बजट में होने की संभावना थी। आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर भी कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान नहीं हुआ है।