देवास में महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में नकल
देवास: महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय की ग्रेजुएशन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। इटावा क्षेत्र के सांवरिया एकेडमी स्थित परीक्षा केंद्र में खुलेआम नकल करवाई जा रही थी। यह स्कूल भाजपा नेता श्रवण जायसवाल का है। परीक्षाएं 28 जून से शुरू होकर 19 जुलाई तक चलीं। यूनिवर्सिटी डिस्टेंस एजुकेशन के तहत परीक्षा लेती है। बताया जा रहा है कि देवास में चार प्राइवेट शिक्षा केंद्रों ने मिलकर पास कराने की गारंटी देकर प्रति छात्र डेढ़ लाख रुपये तक वसूले और जमकर नकल करवाई। कुछ रुपये एक्स्ट्रा देने पर कॉपी घर ले जाने की भी सुविधा दी गई। ये परीक्षाएं ज्यादातर लोग सरकारी नौकरियों में प्रमोशन पाने के लिए देते हैं या वे विद्यार्थी जो पढ़ नहीं सके, वे डिग्री लेने के लिए परीक्षा देते हैं।
जब मीडिया की टीम 19 जुलाई को स्कूल पहुंची तो पाया कि बाहर का गेट बंद कर एक महिला को गेट के पास खड़ा किया गया था। जैसे ही मीडिया टीम को देखा गया, तुरंत सूचना दी गई। अंदर जाने से रोका गया। जब मीडिया की टीम अंदर पहुंची, तो सभी सतर्क होकर बैठे थे, लेकिन परीक्षा हॉल में नकल के लिए रखी गई पुस्तकें कैमरे में कैद हो गईं।
स्कूल संचालक श्रवण जायसवाल का कहना है कि यूनिवर्सिटी स्कूल किराए पर लेती है और प्रति छात्र उन्हें 5 रुपये किराया मिलता है। देवास में चार लोग मिलकर छात्रों को रजिस्टर करते है, इससे ज्यादा जानकारी उन्हें नहीं है.
शिक्षा को समाज में सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है, और इसे ईमानदारी से निभाना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय में जिस तरह से खुलेआम नकल करवाई जा रही है, वह शर्मनाक है। यह न केवल शिक्षा प्रणाली की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि उन मेहनती विद्यार्थियों के साथ भी अन्याय है जो ईमानदारी से परीक्षा की तैयारी करते हैं।
सरकार और शिक्षा विभाग को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। ऐसे फर्जीवाड़े से न केवल शिक्षा का स्तर गिरता है, बल्कि समाज में भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है। हर विद्यार्थी को अपनी मेहनत के आधार पर ही सफलता प्राप्त करनी चाहिए, न कि नकल और फर्जीवाड़े के माध्यम से।