देवास लाइव. देवास में यूं तो पत्रकारों की कई संस्थाएं कार्यरत हैं लेकिन एक पुरानी संस्था जिसे प्रेस क्लब कहा जाता है अब अपने उद्देश्य से भटक गई है. अवैध वसूली और अपनों को रेवड़ी बांटने के आरोपों में घिरी है. फर्जी पत्रकारों को सदस्य बनाया जा रहा है वहीँ विरोध करने वालों को अर्नगल नोटिस देकर सदस्यता से हटाया जा रहा है. इस समय कई एक्टिव पत्रकार है जो संस्था से जुड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें सिर्फ इसलिए सदस्य नहीं बनाया जा रहा क्योकि यहाँ पर एक ही गुट अपना कब्ज़ा रखना चाहता है. इसी गुट से जुड़े सदस्यों के रिश्तेदारों और दोस्तों को सदस्य बना कर आगामी चुनाव की तैयारी की जा रही है.
प्रेस वार्ता के नाम पर अवैध वसूली
देवास में प्रेस के सामने अपनी बात रखने के लिए अब अजीब संकट उत्पन्न हो गया है. प्रेस क्लब ने पिछले दिनों तुगलकी फैसला किया की देवास शहर में होने वाली हर प्रेस वार्ता से वे 2100 रुपए वसूल करेंगे. इस तुगलकी फरमान का प्रतिष्ठित पत्रकारों ने विरोध किया लेकिन फिर भी अवैध वसूली शुरू कर दी गई. यदि कोई इन्हें पैसा न दे तो फ़ोन पर प्रेस वार्ता के बहिष्कार और देख लेने की धमकी दी जा रही है. यही नहीं जो इन्हें पैसा दे दे तो देवास के एक्टिव पत्रकार विरोध स्वरुप उस प्रेस वार्ता में शामिल नहीं होता. ऐसे में प्रेस वार्ता के सार्थक परिणाम नहीं आते. प्रेस वार्ता के लिए पैसा लेने का अधिकार सिर्फ तभी होता है जब प्रेस क्लब अपने स्थान पर वार्ता करवाए लेकिन अगर आपने स्थान पर भी प्रेस वार्ता बुलाई तो भी उसकी जबरन रसीद काटी जा रही है जबकि प्रेस क्लब में अधिकतर सदस्य अब चलायमान पत्रकार नहीं हैं. उनकी बात पडोसी तक नहीं सुनता.
देवास लाइव न्यायालय में वाद प्रस्तुत करेगा
फर्म एवं सोसाइटी एक्ट के तहत प्रेस क्लब में कई गड़बड़ियाँ की गई हैं. एक गुट अपनी नेतागिरी और प्रशासन पर अपना दबाव बनाए रखने के लिए प्रेस क्लब का इस्तेमाल करना चाहता है. इसी क्रम में सभी पत्रकारों को गुजराती गार्डन में बुलाया गया और कलेक्टर, विधायक के सामने बैठा पर आयोजकों ने खुद को चमकाने का प्रयास किया. यह नौटंकी देख कर अन्य पत्रकार एक दूसरे का मुह देखते रह है उन्हें लगा की उनका उपयोग कुछ लोग अपना चेहरा चमकाने के लिए कर रहे है. इसका विरोध देवास लाइव के संस्थापक सौरभ सचान ने भी किया तो उन्हें अपना विरोधी मानते हुए प्रेस क्लब की तरफ से एक नोटिस भेजा गया. नोटिस भी अर्नगल आरोप लगा कर भेजा गया जिसका जवाब देना उचित नहीं समझा गया तो कुछ लोगों ने मीटिंग कर साधारण सभा की बैठक किए बिना संस्था से निष्कासित कर दिया. हालाँकि देवास लाइव को पत्रकारिता के लिए किसी संस्था की आवश्यकता नहीं है लेकिन अब प्रेस क्लब में जारी भ्रष्टाचार और धांधलियों को लेकर प्रेस क्लब पर मानहानि और अन्य वाद दाखिल करने की तैयारी की जा रही है. देवास लाइव के पास सटोरियों से की गई वसूली के भी सबूत और गवाह हैं जो ये बताएँगे की पत्रकारिता की आड़ में असामाजिक तत्व कैसे वसूली करते हैं और डकार भी नहीं लेते. इसके कई सदस्य तो पत्रकार ही इसलिए बने की उनका खानदानी अवैध कारोबार सुरक्षित बना रहे…
पोल खोल लगातार जारी रहेगी…….