देवास लाइव। समाज में बलात्कार की धाराओं के तहत फर्जी प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब इन पर कानूनी रूप से कार्रवाई भी होने लगी है। देवास न्यायालय में ऐसी एक महिला को 10 साल की सजा सुनाई गई। महिला ने बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा कर एक व्यक्ति को फसाना चाह था।
राजेन्द्र सिंह भदौरिया, जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि आरोपिया सीमाबाई ने थाना बरोठा पर अपने जेठ के लडके के विरूद्ध बलात्कार की झूठी रिपोर्ट लिखवाई। जिसके कारण पुलिस को उसके विरूद्ध कार्यवाहीं करने के लिये उत्प्रेरित किया। आरोपिया ने बिना विधिपूर्ण आधार के मात्र जमीन प्राप्ति के लिये अपने जेठ के लडके के विरूद्ध दांडिक कार्यवाहीं संस्थित करवाई और उसके विरूद्ध बलात्कार का आरोप लगाया। जिसमें आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान हैं।
आरोपिया सीमाबाई द्वारा माननीय न्यायालय में भी मिथ्या साक्ष्य दी गई। इस पर सीमाबाई के विरूद्ध भा.द.सं. की धारा 182, 211 व 195 की कार्यवाहीं करने के लिये विचारण न्यायालय द्वारा निर्देश दिये गये थे जिसके पालन में आरोपिया सीमाबाई के विरूद्ध उक्त धाराओं में परिवाद प्रस्तुत किया गया।
माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, जिला देवास द्वारा निर्णय पारित कर आरोपिया सीमाबाई पति स्व. शेरसिंह उम्र 45 साल नि0 ग्राम बरखेडा कोतापाई थाना बरोठा जिला देवास को धारा 195 भा.द.सं. में बलात्कार की झूठी रिपोर्ट लिखाने और माननीय न्यायालय के समक्ष मिथ्या साक्ष्य देने के आरोप में दोषी पाते हुये 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन श्रीमती जयंती पौराणिक, अपर लोक अभियोजक, जिला देवास द्वारा किया गया।