देवास: किसानों की भूमि पर प्राधिकरण का अधिग्रहण, बिना सूचना के भूमि का अधिग्रहण का आरोप
देवास। देवास विकास प्राधिकरण ने 231 किसानों की भूमि को बिना पूर्व सूचना या सहमति के अधिग्रहित कर लिया, जिससे किसानों में भारी आक्रोश है। किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण ने एक स्थानीय समाचार पत्र में उनकी भूमि अधिग्रहण की खबर प्रकाशित करवाई, जबकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। 20 अगस्त 2024 को प्रस्ताव बनाकर इसे शासन को भेजा गया, और 30 अगस्त 2024 को इस अधिग्रहण को राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया।
प्राधिकरण ने 3 सितंबर 2024 को भूमि अधिग्रहण का आधिकारिक प्रकाशन भी कर दिया, जिसके बाद किसानों को इसकी सूचना मिली। किसानों का कहना है कि यह उनकी जीविका का एकमात्र साधन है और बिना उनकी राय जाने उनकी भूमि को अधिग्रहित करना अन्यायपूर्ण है।
किसानों ने शुक्रवार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर इस निर्णय का विरोध किया। किसानों की ओर से ठाकुर सुमेर सिंह ने कहा कि प्राधिकरण ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनकी भूमि का अधिग्रहण किया, जिससे किसानों में गहरा असंतोष है। किसानों ने ज्ञापन में मांग की है कि जिला प्रशासन और प्रदेश शासन इस अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण को तत्काल निरस्त करे।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिग्रहण प्रक्रिया में प्राधिकरण ने धार्मिक स्थलों की जमीनें भी शामिल कर ली हैं, जिनमें विट्ठल मंदिर, शंकरगढ़, लक्ष्मी नारायण मंदिर और जिग्नेश्वर महादेव मंदिर की भूमि भी सम्मिलित है।
इस अवसर पर किसान मुकेश पटेल, राकेश दरबार, अमित सोनगरा, महेन्द्र पटेल, सतीश चौधरी, और अन्य कई किसान उपस्थित थे, जिन्होंने एक स्वर में इस अधिग्रहण का विरोध किया और इसे तुरंत रद्द करने की मांग की।