जयपुर में 1.80 करोड़ के आईफोन चोरी का मामला, देवास के तीन आरोपी पकड़े
मोबाइल चोरी गिरोह का पर्दाफाश: देवास के तीन आरोपियों समेत पांच गिरफ्तार
जयपुर में पंचवटी सर्किल के पास स्थित एक मोबाइल शॉप से 6 नवंबर को चोरी हुए करीब 1.80 करोड़ रुपये के मोबाइल, आईपैड और मैकबुक की वारदात का 16 दिन बाद खुलासा हुआ। जयपुर पुलिस ने मामले में देवास और इंदौर के चार आरोपियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
देवास के आरोपियों की अहम भूमिका
गिरफ्तार आरोपियों में रामभरोसे पटेल (27), जतिन हाड़ा कंजर (18), राजेश उर्फ खन्ना कंजर (45) निवासी टोंक खुर्द (देवास), और सफान खान निवासी इंदौर(30) शामिल हैं। रामभरोसे और सफान ने गिरोह का नेतृत्व करते हुए पूरी योजना बनाई। चोरी का सामान मुंबई के समीर अहमद शेख को मात्र 40 लाख रुपये में बेच दिया गया।
पुराने संपर्क से मिली जानकारी
दुकान मालिक रविन्द्र मखीजा ने व्हाट्सएप ग्रुप में आईफोन की जानकारी साझा की थी। सफान खान, जो रमींद्र का पूर्व कर्मचारी है, ने इसे देखा और मोबाइल चोरी की योजना बनाई। जयपुर आकर उसने अपने साथियों के साथ दुकान की रेकी की और घटना को अंजाम दिया।
देवास से मुंबई तक का नेटवर्क
पुलिस जांच में पता चला कि गिरोह के सदस्य जयपुर से मोबाइल चुराने के बाद शाम तक इंदौर और रात में मुंबई पहुंच गए। समीर अहमद, जो दुबई के संपर्कों के जरिए मोबाइल को बांग्लादेश और पाकिस्तान भेजता था, ने इन मोबाइलों को खरीदा।
जांच में सीसीटीवी और कॉल डिटेल्स का सहारा
जयपुर पुलिस ने 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले, 30 मुखबिरों की मदद ली और 1000 से अधिक कॉल डिटेल्स की जांच की। देवास और इंदौर से आरोपियों की पहचान की गई। एमपी नंबर की कार का पता लगने के बाद रामभरोसे पटेल को पकड़ा गया।
चोरी का तरीका और अंतरराष्ट्रीय लिंक
गिरोह नए मोबाइलों को बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान भेजता था। इन देशों में ईएमआई नंबर स्थानीय ग्राहकों से जुड़े होने के कारण भारतीय पुलिस इन्हें ट्रैक नहीं कर पाती। गिरोह इन मोबाइलों को 30-40% सस्ते दामों पर बेचता था।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
जयपुर पुलिस की टीम, जिसमें डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम, एडीसीपी ईस्ट आशाराम चौधरी, और थानाधिकारी धर्म सिंह शामिल थे, ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। देवास और इंदौर में आरोपियों की गिरफ्तारी से चोरी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भी खुलासा हुआ है।
फरार आरोपी की तलाश जारी
गिरोह का एक अन्य सदस्य अमन अब भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।