
देवास। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश उमाशंकर अग्रवाल ने हत्या के प्रयास के एक मामले में आरोपी सुनिल लोधी को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 25,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह मामला थाना सिविल लाइन क्षेत्र में 4 जुलाई 2020 को घटित हुआ था।
घटना का विवरण:
प्रभारी जिला लोक अभियोजक जयंती पौराणिक ने जानकारी दी कि 4 जुलाई 2020 की रात करीब 12 बजे फरियादी को उसके बेटे सूरज के दोस्त विशाल ने फोन कर एमजी अस्पताल आने को कहा। सूरज चाकूबाजी की घटना में घायल हुआ था। अस्पताल पहुंचने के दौरान फरियादी की कार पर आरोपियों ने पथराव किया, जिससे कार का शीशा टूट गया।
अस्पताल में सूरज ने बताया कि रात करीब 11 बजे उसके साथ उपनगरीय बस स्टैंड इटावा के पास पिंटू मालवीय, सुनिल लोधी और उनके अन्य साथियों ने पुराने विवाद के चलते गाली-गलौज और चाकू से हमला किया। घटना में सूरज और उसका दोस्त हिम्मत गंभीर रूप से घायल हो गए। सूरज की हालत गंभीर होने के कारण उसे इंदौर रेफर किया गया था।
सजा का विवरण:
न्यायालय ने आरोपी सुनिल लोधी को धारा 307 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 25,000 रुपये अर्थदंड, धारा 324 के तहत 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 5,000 रुपये अर्थदंड, धारा 341 के तहत 6 माह का कारावास और 500 रुपये अर्थदंड तथा धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत 1 वर्ष का कारावास और 500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
अन्य आरोपियों प्रेमबाई, राजा उर्फ राजकुमार और एजाज को दोषमुक्त कर दिया गया, जबकि मुख्य आरोपी पिंटू मालवीय घटना के बाद से फरार है।
इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी प्रभारी जिला लोक अभियोजक जयंती पौराणिक ने की, और कोर्ट मोहर्रिर रमेश बर्डे का विशेष सहयोग रहा।


