देवास

जिला अस्पताल में प्रसूता की बाथरूम में डिलीवरी, मृत बच्चे को गोद में लेकर धरने पर बैठे परिजन, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

देवास। जिला अस्पताल में सोमवार को एक प्रसूता की बाथरूम में डिलीवरी हो गई। बच्चा मृत पैदा हुआ तो परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामा करीब तीन घंटे तक चला। तहसीलदार, सीएसपी और टीआई के आने के बाद मामला शांत हुआ।


21 वर्षीय मनीषा पति कृष्णा खोकरीया निवासी रहुखेड़ी सेंटर पॉइंट जिला इंदौर को दूसरी डिलीवरी के लिए सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शाम 6.45 बजे महिला बाथरूम में टायलेट करने गई थी, जहां डिलीवरी हो गई। स्टॉफ ने मां-बच्चे को संभाला और लेबर रूम में लेकर पहुंचे, चेक करने पर बच्चे की मौत हो चुकी थी।


मृत बच्चे को देख पिता कृष्णा खोकरीया ने परिजन के साथ हंगामा शुरू कर दिया। गोद में मृत बच्चे को लेकर जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर ही धरने पर बैठ गए। परिजन ड्यूटी डॉक्टर और स्टॉफ के निलंबन की मांग करने लगे।
सूचना मिलने पर कुछ ही देर में आरएमओ डॉ. अजय पटेल आए परिजन से चर्चा करने लगे। नाराज परिजन ने उनकी बात नहीं सुनी और धरने पर बैठे रहे।


जब तक निलंबित नहीं करते धरने पर बैठे रहेंगे
कुछ ही देर में सूचना मिलने पर कोतवाली टीआई दीपक यादव, सीएसपी दीशेष अग्रवाल व तहसीलदार सपना शर्मा भी जिला अस्पताल पहुंचे। अधिकारी आए उस समय बच्चे के पिता और रिश्तेदार लेबर रूम में फाइल लेने पहुंचे थे। धरने पर मृत बच्चे की मां बच्चे को गोद में लेकर बैठी रही। लेबर रूम में परिजन मांग करने लगे कि तत्काल ही फाइल दी जाए। देर होगी तो उसमें डॉक्टर अपने हिसाब से लिखा-पढ़ी कर लेंगे।


डॉक्टरों का कहना
आरएमओ डॉ. अजय पटेल ने बताया कि महिला को डिलीवरी के लिए दिन में भर्ती करवाया था। ड्यूटी डॉक्टर ने चेक किया था उस समय बच्चे की धड़कन नहीं आ रही थी। प्रसूता के पति ने डिलीवरी से पहले हस्ताक्षर भी किए थे। टायलेट में डिलीवरी नहीं हुई महिला को तत्काल लेबर रूम में लेकर आ गए थे।


मामले की जांच
सीएसपी दीशेष अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। परिजनों की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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