खातेगांव, देवास (म.प्र.) – प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करने वाली एक बड़ी घटना में, संदलपुर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की छात्राओं ने शनिवार को लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के आधिकारिक काफिले को सफलतापूर्वक रोक दिया। अपनी गंभीर समस्याओं और दुर्व्यवहार की शिकायतों को लेकर ये छात्राएं बेहद परेशान थीं, और कई तो मंत्री के सामने अपनी व्यथा बताते हुए भावुक होकर रो पड़ीं।
छात्राओं ने कलेक्टर के नाम शिकायत देने के लिए पहले खातेगांव थाने से संपर्क किया था। चूंकि सरकारी कार्यालय बंद थे, इसलिए छात्राओं ने साहस दिखाया और बस स्टैंड से गुजर रहे मंत्री पटेल के काफिले को रोक लिया। लगभग 15 मिनट तक चली इस भावनात्मक चर्चा के दौरान, मंत्री ने उन्हें शांत किया और आश्वासन दिया, “आप चिंता न करें, मैं आपके साथ हूँ।”
मंत्री ने किया तत्काल छात्रावास का निरीक्षण
आश्वासन देने के बाद, मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने तुरंत अपनी गाड़ी और काफिले में करीब दर्जनभर छात्राओं को बैठाया और सीधे संदलपुर छात्रावास पहुँच गए। हॉस्टल में पहुँचकर उन्होंने सभी कमरों, रसोई और सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया।
छात्राओं द्वारा लगाए गए मुख्य आरोप:
- सुरक्षा चिंताएं: छात्राओं ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से अनियमितताएं चल रही हैं। रात के समय सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते हैं, जिसके दौरान गेहूं (अनाज) की ट्रॉलियां बेचे जाने और अज्ञात लोगों के आने-जाने जैसी गंभीर घटनाएँ होती हैं।
- वार्डन का दुर्व्यवहार: वार्डन मंजुला गुर्जर पर छात्राओं के साथ बुरा व्यवहार करने, उन्हें डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया।
- बुनियादी सुविधाएँ: कंप्यूटर और वाशिंग मशीन जैसी ज़रूरी सुविधाएँ भी बंद पड़ी हैं।
देवास कलेक्टर को 7 दिन का अल्टीमेटम
निरीक्षण के दौरान मंत्री पटेल ने छात्राओं के आरोपों की पुष्टि की। उन्होंने पाया कि भोजन की घटिया गुणवत्ता है और हॉस्टल में लगा एलसीडी व कुछ कैमरे भी बंद मिले।
मंत्री ने तत्काल देवास कलेक्टर से फ़ोन पर चर्चा की और छात्रावास की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यदि 7 दिन के भीतर सुधार नहीं हुआ तो वे दोबारा हॉस्टल आएंगे। मंत्री ने छात्राओं को अपना व्यक्तिगत नंबर भी दिया और किसी भी परेशानी में सीधे संपर्क करने को कहा।
वार्डन का खंडन और शिक्षकों का विरोधाभास
छात्रावास वार्डन मंजुला गुर्जर ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि आज कुछ छोटी व्यवस्थाएं बिगड़ गई थीं, जिससे 10वीं कक्षा की बच्चियां स्कूल से सीधे खातेगांव चली गईं।
हालांकि, संदलपुर हाईस्कूल के शिक्षकों ने इस दावे का खंडन किया। शिक्षकों ने स्पष्ट किया कि 9वीं की परीक्षा होने के कारण, उस दिन कक्षा 10वीं की क्लास लगी ही नहीं थी। यह विरोधाभास छात्रावास प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा करता है और देवास जिला शिक्षा विभाग पर जांच का दबाव बढ़ा रहा है।
[Kasturba Gandhi Balika Hostel (KGBV)]

