Dewas: खिवनी अभयारण्य में बढ़ी बाघों की तादाद, कैमरे में कैद हुए 10 बाघ

देवास लाइव। मध्य प्रदेश के खिवनी अभयारण्य से अच्छी खबर आई है! वन विभाग और वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट ने 1 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक यहाँ कैमरा ट्रैपिंग सर्वे किया। इस दौरान 100 से ज्यादा जगहों पर कैमरे लगाए गए और कुल 10 बाघ कैमरे में कैद हो गए। इनमें 5 मादा, 3 नर और 2 छोटे शावक शामिल हैं।
कैमरा ट्रैपिंग से मिली बड़ी जानकारी
इस सर्वे में हर 2 वर्ग किलोमीटर के इलाके में 3 कैमरा सेट लगाए गए थे। डेटा की जांच करने पर पता चला कि खिवनी अभयारण्य और आसपास के जंगलों में बाघ और तेंदुए घूमते हुए देखे गए हैं।
बाघों की पहचान और निगरानी होगी पक्की
अब इन बाघों की पहचान कर उनकी प्रोफाइल तैयार की जाएगी और यह जानकारी वन विभाग, राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर, वन्यप्राणी संस्थान देहरादून और अन्य वन प्रबंधन कार्यालयों को भेजी जाएगी। इससे बाघों की सुरक्षा और देखरेख और मजबूत होगी।
खिवनी अभयारण्य की बढ़ती अहमियत
खिवनी अभयारण्य बाघों के रहने और प्रजनन का अहम इलाका बनता जा रहा है। यह पहले से ही रातापानी टाइगर रिजर्व और ओंकारेश्वर वन क्षेत्र के लिए एक मजबूत बाघ स्रोत क्षेत्र रहा है। अब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और ग्लोबल टाइगर फोरम यहां के संसाधनों का और गहराई से अध्ययन कर इनके विकास की योजना बनाएंगे।
वन्यजीव संरक्षण की ओर एक शानदार कदम
बाघों की बढ़ती तादाद से साफ है कि जंगल और वन्यजीव सुरक्षित हैं। 1980 के दशक में ज्यादा कटाई की वजह से जो जंगल उजड़ गए थे, वे अब फिर से अपनी असली शक्ल में लौट रहे हैं। आने वाले समय में यहाँ गौर, चीतल और सांभर जैसे शाकाहारी जानवरों को भी बसाने की योजना बन सकती है, जिससे यह इलाका और भी समृद्ध होगा।


