खातेगांवदेवास

गरीब बच्ची का हुआ MBBS के लिए चयन, बकरा बकरी बेचकर भी पूरी नहीं हो सकी फीस, समाज आगे आया

गरीब मुस्लिम लड़की नगमा की काबिलियत को समाज का सलाम, MBBS की पढ़ाई के लिए मिली सहायता

देवास जिले के खातेगांव तहसील के ग्राम मचवास की नगमा बी वल्द रहीस खां अपनी मेहनत और लगन से नीट में चयनित हुई । नगमा का चयन इंदौर के इंडेक्स मेडिकल एवं रिसर्च महाविद्यालय में एमबीबीएस कोर्स के लिए हुआ है। नगमा ने ग्रामीण इलाके के सरकारी स्कूल से पढ़ाई करते हुए नीट जैसी कठिन परीक्षा को न केवल उत्तीर्ण किया, बल्कि उसमें अच्छे अंक भी हासिल किए। उसकी इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि काबिलियत को किसी खास मौके, माहौल, जगह, या अमीरी-गरीबी की जरूरत नहीं होती।

नगमा ने अपनी सफलता की कहानी तो लिख दी, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति आगे की पढ़ाई के लिए रोड़ा बनने लगी। नगमा ने अपने परिवार की मदद के लिए बकरा-बकरी पाल रखे थे, जिन्हें उसने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए 20-25 हजार रुपये में बेच दिया। परंतु, उसे एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए कितनी फीस की आवश्यकता होगी, इसका उसे अंदाजा नहीं था।

जब नगमा की इस मुश्किल के बारे में पिंडारा बिरादरी को जानकारी मिली, तो समाज ने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया। अखिल मुस्लिम पिंडारा फाउंडेशन के यूनुस खान, नजर खान, लियाकत खान, जावेद खान, सादिक वकील, अज्जू भाई चरखेड़ा, शाहरुख मदनी, पप्पू भाई इटारसी, साबिर खान, आलमीन खान और नेक आलम जी ने मिलकर नगमा के लिए 1 लाख रुपये की सहायता राशि जुटाई। इसमें से 38,000 रुपये की राशि अखिल मुस्लिम पिंडारा फाउंडेशन द्वारा दी गई।

समाज के इस समर्थन ने नगमा के सपनों को नई उड़ान दी है। नगमा के हौसले और समाज के सहयोग की इस मिसाल ने यह साबित कर दिया कि जब समाज साथ हो, तो कोई भी कठिनाई सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती। नगमा की यह कहानी न केवल उसके गांव, बल्कि पूरे जिले के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है।

san thome school
sardana
Sneha
Back to top button