
देवास। मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से मधुर संबंध निभा रहे देवास बिजली कंपनी के कनिष्ठ यंत्री पंकज मतकर पर आखिरकार गाज गिर ही गई। विभागीय जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। मतकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे के नाम पर फर्जी ट्रांसफारमर फैक्ट्री खड़ी की, कॉलोनियों में घटिया सामग्री लगवाई और विभागीय नियमों की खुलकर अनदेखी की।
बिजली विभाग के उच्च दाब संधारण (HT मेंटेनेंस) कार्यालय में पदस्थ पंकज मतकर ने बेटे अमय और पत्नी के नाम से दो संस्थाएं — शिव मनोमय इलेक्ट्रिक्स प्रा. लि. और स्कायलाइन लॉजिस्टिक — खड़ी कीं। जांच में सामने आया है कि अमय इलेक्ट्रिकल फील्ड से संबंधित नहीं है, इसके बावजूद उसे A ग्रेड लाइसेंस दिलवाया गया। यही नहीं, मतकर ने ठेकेदारों पर दबाव बनाकर इन कंपनियों के बनाए ट्रांसफार्मर देवास की करीब 14 कॉलोनियों में लगवाए।
ट्रांसफार्मर की टेस्ट रिपोर्ट में हुआ फेल, BIS ने दी स्पष्ट चेतावनी
इंदौर की लैब में जांच के दौरान 16 ट्रांसफार्मर फेल पाए गए। BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) ने भी स्पष्ट कर दिया है कि शिव मनोमय इलेक्ट्रिकल्स, शिप्रा को किसी प्रकार का लाइसेंस या मंजूरी नहीं दी गई है। विभाग ने इन ट्रांसफार्मरों को हटवाया भी है।
शिवमनोमय कंपनी द्वारा BIS से संबंधित दस्तावेज, टेस्टिंग रिपोर्ट, लाइसेंस और स्वामित्व संबंधी जानकारी भी अब तक प्रस्तुत नहीं की गई है। अधीक्षण यंत्री कार्यालय देवास ने 2 अप्रैल को अंतिम स्मरण पत्र जारी कर कंपनी से जवाब मांगा था, लेकिन वह अब तक नहीं मिला।
कॉलोनियों में यह कमियां मिलीं
जांच में पाया गया कि
- कॉलोनी गंगा पेरेडाइज में बिना अनुमति अधिग्रहण किया गया।
- 95 sq.mm केबल की जगह 70 sq.mm केबल लगाई गई।
- पोल की मफिंग और अर्थिंग नहीं की गई।
- कम ऊंचाई के पोल, बिना ISI मार्किंग की सामग्री का प्रयोग किया गया।
- ट्रांसफार्मर थ्री स्टार रेटिंग के भी नहीं थे।
मंत्री से संबंध के चलते करते थे मनमानी
विभागीय सूत्रों के अनुसार, पंकज मतकर की ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से नजदीकी चर्चा का विषय रही है। मंत्री के साथ उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं। यही वजह रही कि मतकर विभागीय अधिकारियों की नहीं सुनते थे और अकेले ही सभी निर्णय लेते थे। देवास में बिजली से जुड़ा लगभग हर काम वे खुद करना चाहते थे। ठेकेदारों पर भी दबाव बनाकर काम करवाते थे।
अब आगे क्या?
मतकर को प्रारंभिक जांच के आधार पर निलंबित कर दिया गया है। विभाग चार्जशीट तैयार कर रहा है, जिसके बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इंदौर से नियुक्त जांच अधिकारी कामेश श्रीवास्तव के अनुसार कुछ कॉलोनियों में लगे ट्रांसफार्मरों के बिल भी उपलब्ध नहीं हैं। केबल और पोल भी मानकों के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने इसे गंभीर अपराध बताया है और कहा कि कंपनी पर कार्रवाई अब BIS द्वारा की जाएगी।
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