देवास: पंजीयक कार्यालय बना रिश्वतखोरी का अड्डा, उप पंजीयक अंजली मिश्रा और सहयोगी पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज
देवास। भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत लोकायुक्त पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। उप पंजीयक कार्यालय देवास में रिश्वत के बिना काम न होने की शिकायतें सच साबित हुईं। उप पंजीयक अंजली मिश्रा और उनके सहयोगी प्राइवेट व्यक्ति राहुल प्रजापत के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
आवेदक ने खोली भ्रष्टाचार की पोल
आवेदक शीतल गहलोत, निवासी बजरंग नगर, ने 11 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वह बालाजी सर्विस प्रोवाइडर के नाम से रजिस्ट्री का काम करते हैं। जब वह अपने कार्यालय की एक रजिस्ट्री लेने गए तो उप पंजीयक अंजली मिश्रा ने 1500 रुपये की रिश्वत मांगी।
शिकायत का हुआ सत्यापन
प्रभारी एसपी राजेश पाठक ने डीएसपी सुनील तालान को शिकायत की सत्यता जांचने का जिम्मा सौंपा। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई। इसके बाद अंजली मिश्रा और राहुल प्रजापत के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) और भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 61(2) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई
डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। लोकायुक्त के अनुसार, पंजीयक कार्यालय में भ्रष्टाचार की यह स्थिति आम लोगों के अधिकारों का हनन है।
रिश्वतखोरी का अड्डा बना कार्यालय
देवास का पंजीयक कार्यालय अब आम जनता के लिए समस्या का कारण बन चुका है। बिना रिश्वत के काम करवाना असंभव जैसा हो गया है। इस सनसनीखेज घटना ने साफ कर दिया है कि प्रशासनिक तंत्र में अब भी भ्रष्टाचार जड़ें जमाए हुए है।
जांच और कार्रवाई जारी
लोकायुक्त ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है और आरोपियों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है। देवास के नागरिकों ने इस कार्रवाई की सराहना की और उम्मीद जताई कि इस कदम से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
जनता की अपील
लोकायुक्त ने जनता से अपील की है कि अगर किसी सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार हो रहा है तो तुरंत शिकायत करें। ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
क्या भ्रष्टाचार से मुक्त होगा पंजीयक कार्यालय?
यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या ऐसी कार्रवाइयों से पंजीयक कार्यालय जैसी जगहों पर रिश्वतखोरी खत्म होगी या नहीं।