देवासधर्म संकृति

नगर की 32 बस्तियों में हजारों स्वयंसेवकों का विजयादशमी पर एक साथ चरैवेति संचलन, 112 किमी चला पथसंचलन



देवास। परंपरानुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन विजयादशमी के अवसर पर नगर की 32 बस्तियों में एक साथ निकला। जो की चरैवेति संचलन के स्वरूप में रहा। पहला संचलन इटावा बस्ती से आरंभ होकर उत्तम नगर,विजय नगर,मुखर्जी नगर,राजाराम नगर,रामनगर, मोती बंगला से होते हुए नई आबादी में पहुंचा,यहाँ इसका समापन हुआ। दूसरा संचलन श्रीकेलादेवी बस्ती से आरंभ होकर विकास नगर,बावड़िया,सन सिटी,बालगढ़ से होकर मल्हार बस्ती में समापन हुआ।तीसरा संचलन जवाहर नगर से आरंभ होकर कालानीबाग,बजरंगपुरा, शांतिपुरा,मालीपुरा,उपासना,रेवाबाग से होकर भवानी सागर बस्ती में समापन हुआ। चौथा संचलन बिलावली से आरंभ होकर तुलजा भवानी,राजाभाऊ महाकाल, बीएनपी,राधागंज,आदर्श नगर से होकर भोंसले कॉलोनी बस्ती में समापन हुआ। इस चरैवेति संचलन में बस्तियों का संगम स्थल आकर्षण का केंद्र रहा । संचलन पूरे नगर में लगभग 112 किलोमीटर का रहा ।

32 बस्तियों के हजारों स्वयंसेवक घोष की धुन पर कदमताल करते हुए निकलें , जो सभी बस्तियों से होते हुए संगम स्थल पर ध्वज प्रदान करते हुए अंतिम बस्ती के समापन स्थल तक पहुंचे। सभी संचलन के वक्ताओं ने ‘स्व’ की संकल्पना को लेकर स्वभाषा, स्वभूषा,स्वदेशी,स्वावलंबन, पर्यावरण संरक्षण,सामाजिक समरसता,कुटुंब प्रबोधन,नागरिक शिष्टाचार के लिए समाज को जागृत करने का आह्वान किया। संघ का पथ संचलन समाज में शक्ति और अनुशासन का प्रतीक है।शक्ति के बगैर कोई भी राष्ट्र महान नहीं बन सकता , गत वर्ष भारत में स्वराज का 75 वा अमृत महोत्सव मनाया गया। 2047 में स्वराज के शताब्दी वर्ष में भारत को विश्व गुरु के सिंहासन पर आरूढ करना है। इसलिए देश के प्रत्येक नागरिक को देश के हित में एवं राष्ट्र के लिए जीना होगा। आज वैश्विक बाजारवाद एवं सांस्कृतिक मार्क्सवाद ने भारत की मूल संस्कृति व आत्मा को मिटाने का प्रयास किया है।भारत के प्रत्येक नागरिक को जातिगत भेदभाव को भुलाकर सामाजिक समरसता को बढ़ाना होगा,राष्ट्र निर्माण का यह कार्य हमें स्वयं के उदाहरण से ही करना होगा। आज भारत विश्व पटल पर अग्रणी देश है,ये विश्व गुरु होने के ही संकेत है। हम सभी आज के दिन अपने देश की उन्नति के लिए कार्य करने का संकल्प ले।देश के प्रत्येक व्यक्ति युवा,वृद्ध,बाल,मातृ शक्ति हम सभी को मिलकर अपनी भारत माता को परम वैभव पर पहुंचाना है,साथ ही समाज से लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी करते हुए शत प्रतिशत मतदान का आह्वान किया गया ।

Sneha
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