देवास। लंबे समय से आर्थिक तंगी और वेतन भुगतान के संकट से जूझ रहे देवास नगर निगम (Dewas Nagar Nigam) में आखिरकार फिजूलखर्ची पर लगाम लगनी शुरू हो गई है। नवागत निगम आयुक्त दलीप कुमार ने पदभार संभालते ही कड़े फैसले लेते हुए एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। उन्होंने निगम के करीब 300 पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे नगर निगम को प्रतिमाह लाखों रुपये की बचत होगी।
₹1.5 लाख का मासिक खर्च बचा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगर निगम में छोटे-बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलाकर लगभग 300 पोस्टपेड मोबाइल सिम दी गई थीं, जिनका बिल नगर निगम के खजाने से भरा जाता था। इस सुविधा पर निगम का मासिक खर्च करीब डेढ़ लाख रुपये (₹1,50,000) आ रहा था।
नवागत आयुक्त दलीप कुमार ने नगर निगम की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए और अनावश्यक व्यय पर अंकुश लगाने के लिए यह सख्त निर्णय लिया है। इस फैसले से उन कर्मचारियों को अब निजी खर्च पर ही मोबाइल का उपयोग करना होगा, जो पिछले कई वर्षों से इस सुविधा का लाभ उठा रहे थे।
अपात्र वाहनों के पेट्रोल-डीजल पर भी रोक
मोबाइल सिम के अलावा, आयुक्त ने एक और बड़ी अनियमितता पर कार्रवाई की है। जांच में पता चला कि नगर निगम के खाते से कई ऐसे वाहनों में भी पेट्रोल और डीजल डल रहा था, जो पात्रता की श्रेणी में नहीं आते थे। सूत्रों के मुताबिक, इनमें सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं और पूर्व पदाधिकारियों के निजी वाहन भी शामिल थे।
आयुक्त ने इस पर तत्काल रोक लगाते हुए अधीनस्थ कर्मचारियों की क्लास ली और स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी अपात्र व्यक्ति या वाहन निगम की सुविधाओं का लाभ न उठा पाए।
पूर्व नेताओं के आवासों से कर्मचारी वापस बुलाए
फिजूलखर्ची और नियमों के उल्लंघन का एक अन्य मामला पूर्व जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के आवास पर निगम कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का भी था। कई नगर निगम कर्मचारी राजनीतिक संरक्षण के चलते पूर्व पदाधिकारियों के निजी वाहनों पर चालक के तौर पर या उनके आवासों पर सेवा दे रहे थे, जबकि वे वेतन नगर निगम से ले रहे थे।
निगम आयुक्त ने ऐसे सभी कर्मचारियों को तुरंत वापस बुलाने और उन्हें नगर निगम के मूल कार्य सौंपने का सख्त आदेश दिया है। यदि इन फैसलों पर ईमानदारी से अमल होता है, तो न केवल नगर निगम की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि ठेकेदारों के भुगतान और वर्षों से अवरुद्ध पड़े विकास कार्यों को भी गति मिल सकेगी।
नवागत निगम आयुक्त दलीप कुमार द्वारा लिए गए ये कड़े फैसले देवास नगर निगम में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत मानी जा रही है।


