जुजित्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम आत्महत्या केस: कोच और उपाध्यक्ष पर केस दर्ज, प्रीतम गिरफ्तार; विजेंद्र खरसोदिया फरार

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देवास, मध्य प्रदेश। अंतर्राष्ट्रीय जुजित्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम आत्महत्या मामले में देवास पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए रोहिणी के कोच और मध्य प्रदेश जुजित्सु संघ के दो बड़े पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। पुलिस ने संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि मुख्य आरोपी कोच विजेंद्र खरसोदिया अभी भी फरार है और उसकी तलाश जारी है।

​पिछले माह हुई थी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की आत्महत्या

​35 वर्षीय रोहिणी कलम ने पिछले माह देवास के अर्जुन नगर स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। रोहिणी एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी थीं, जिन्होंने एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और अबू धाबी में अंतर्राष्ट्रीय जुजित्सु प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। वह मध्य प्रदेश जुजित्सु संघ की महासचिव भी थीं। शुरुआती जांच में घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने के कारण पुलिस आत्महत्या के कारणों को लेकर उलझी हुई थी।

​बीमारी के बावजूद दबाव और मानसिक प्रताड़ना का आरोप

​बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी के अनुसार, जांच और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) के विश्लेषण में पता चला कि रोहिणी की ज्यादातर बातचीत कोच विजेंद्र खरसोदिया और मध्य प्रदेश जुजित्सु संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह से होती थी। रोहिणी के स्वजनों ने भी दोनों पर मानसिक रूप से परेशान करने का शक जताया था।

​पूछताछ में सामने आया कि रोहिणी हाल ही में पेट में गठान के ऑपरेशन के कारण बीमार थीं और उन्हें आराम की ज़रूरत थी। इसके बावजूद, कोच विजेंद्र खरसोदिया उन पर लगातार प्रतियोगिताओं में जाने और खेलने का दबाव बना रहे थे। वहीं, उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह रोहिणी को अन्य लोगों से बात नहीं करने देते थे, जिससे वह अत्यधिक तनाव में थीं।

​गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने रोहिणी कलम को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में दोनों पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है।

  • प्रीतम सिंह (उपाध्यक्ष): उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
  • विजेंद्र खरसोदिया (कोच): पुलिस टीम फरार चल रहे खरसोदिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

​जांच में यह भी पता चला है कि घटना से ठीक पहले रोहिणी की प्रीतम सिंह से फोन पर बात हुई थी। रोहिणी सरकारी नौकरी नहीं मिलने और विक्रम अवार्ड के लिए चयन न होने को लेकर भी परेशान थीं, जिसका फायदा उठाकर ये दोनों पदाधिकारी उन पर दबाव बना रहे थे। रोहिणी कलम के आत्महत्या करने से प्रदेश और देश के खेल जगत में शोक का माहौल है। पुलिस का कहना है कि खरसोदिया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।