
देवास, 18 मार्च 2025: करीब दो साल पहले दीपावली की रात भोपाल रोड स्थित एक पेट्रोल पंप पर हुए सनसनीखेज हत्याकांड में देवास पुलिस की ऑपरेशन संकल्प के तहत की गई पेशेवर विवेचना ने आरोपियों को सजा दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री उमाशंकर अग्रवाल की अदालत ने मंगलवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी समीर खान को आजीवन कारावास और सह-अभियुक्त जफर उर्फ काजू खान को 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
घटनाक्रम
यह घटना 25 अक्टूबर 2022 की रात करीब 11 बजे की है, जब भोपाल रोड पर ग्राम जेतपुरा के समीप इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप पर फरियादी राहुल सिंह ने कुछ युवकों को सिगरेट पीने से मना किया। इस बात पर विवाद शुरू हुआ और आरोपी समीर पिता शब्बीर खान (उम्र 20 वर्ष) और जफर उर्फ काजू खान पिता शाकिर खान (उम्र 22 वर्ष), दोनों निवासी मोहसिनपुरा, पठानकुंवा क्षेत्र, देवास, ने फरियादी राहुल सिंह को गालियां दीं। इसके बाद आरोपियों ने धारदार चाकू से राहुल की पीठ पर वार किया। बीच-बचाव करने आए उनके साथी जोजन सिंह राजपूत (निवासी ग्राम खटाम्बा) पर भी आरोपियों ने हमला किया और उनकी छाती में चाकू घोंप दिया, जिससे जोजन की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
घटना का वीडियो पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हुआ, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने भोपाल रोड पर चक्काजाम कर दिया और आरोपियों के मकानों व ढाबों को तोड़ने की मांग की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसी दिन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कार्रवाई और मुकदमा
फरियादी राहुल सिंह की शिकायत पर थाना बैंक नोट प्रेस में अपराध क्रमांक 788/2022 दर्ज किया गया, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 294, 323, 34 और बाद में धारा 302 जोड़ी गई। प्रकरण की विवेचना निरीक्षक मुकेश इजारदार ने की और 25 अक्टूबर 2022 को दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया। 13 नवंबर 2022 को चालान क्रमांक 655/2022 तैयार कर 14 नवंबर 2022 को मामला माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
कोर्ट का फैसला
अदालत में सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक श्रीमती अल्का राणा ने अभियोजन की मजबूत पैरवी की। सीसीटीवी फुटेज और विवेचक की उत्कृष्ट जांच के आधार पर माननीय न्यायालय ने आरोपी समीर खान को धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन सश्रम कारावास और 5,000 रुपये के अर्थदंड, जबकि जफर उर्फ काजू खान को धारा 324 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना) के तहत 3 साल के सश्रम कारावास और 3,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
पुलिस टीम का योगदान
इस मामले में कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक 270 रमेश बर्डे, कोर्ट मुंशी आरक्षक 495 विजय आंजना और वारंट मुंशी प्रधान आरक्षक 480 वीरेंद्र शर्मा ने अहम भूमिका निभाई। यह फैसला देवास पुलिस की अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई और न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।


