देवास। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर इस बार विजयादशमी पर देवास जिले में ऐतिहासिक पथ संचलन निकलेगा। जिले के सभी 63 मंडलों और सात नगरों — देवास, करनावद, हाटपिपलिया, सोनकच्छ, पिपलरवा, टोंकखुर्द और भौंरासा — में यह आयोजन होगा।
शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विशेष आयोजन
संघ की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन की थी। इस वर्ष से संघ का शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है। इसी क्रम में विजयादशमी पर निकलने वाले पारंपरिक पथ संचलन को विशेष रूप से आयोजित किया जा रहा है।
देवास नगर में एकजुट संचलन
अबकी बार देवास नगर में सभी 32 बस्तियों का एक ही संचलन निकलेगा। हजारों स्वयंसेवकों के साथ यह संचलन अब तक का सबसे बड़ा होने वाला है। इसमें दर्जनों घोष वाहिनियां और विभिन्न वाहिनियां शामिल होंगी।
घर-घर संपर्क कर रहे स्वयंसेवक
पथ संचलन की तैयारी में स्वयंसेवक रोजाना छह घंटे शाखा के अतिरिक्त घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। प्रत्येक मोहल्ले और गांव में जाकर कम से कम एक सदस्य को संचलन में सहभागी बनने का आग्रह किया जा रहा है। जो लोग पैदल नहीं चल सकते, उन्हें भी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहने का आमंत्रण दिया जा रहा है।
हर वर्ग का प्रतिनिधित्व
संचलन में समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आईटी प्रोफेशनल्स, प्राध्यापक, पत्रकार, शिक्षक, व्यवसाई और उद्योगपति सहित विभिन्न पेशों से जुड़े लोग गणवेश में सहभागी होंगे।
पंच परिवर्तन पर रहेगा केंद्रित
संचलन पंच परिवर्तन विषयों — सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य और स्वभाव जागरण — पर केंद्रित रहेगा।
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