देवास: देवांश की मृत्यु के बाद अंगदान से 2 लोगों को मिला नया जीवन
देवास, 2 मार्च 2024: देवास के एक युवक की मृत्यु के बाद उसके अंगदान से दो लोगों को नया जीवन मिला है। 21 वर्षीय देवांश जोशी, जो अयोध्या के लिए पद यात्रा में शामिल थे, एक दुर्घटना में घायल हो गए थे। बाद में उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था।
देवांश के परिवार ने अपनी दुःख की घड़ी में भी साहस दिखाते हुए उनके अंगों को दान करने का निर्णय लिया। देवांश की किडनी 42 वर्षीय महिला को, लीवर 68 वर्षीय बुजुर्ग को प्रत्यारोपित किया गया।
देवांश के पिता चंद्रमणि जोशी एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और माता रश्मि पटवारी हैं। देवांश SGSITS में अंतिम वर्ष में पढ़ रहा था और धर्म और आध्यात्मिकता में गहरी रुचि रखता था।
मां रश्मि ने बताया कि देवांश अक्सर कहा करता था कि मृत्यु के बाद अंगदान क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा कि उनका बेटा “कलयुग का राम” था और उसने कई लोगों को नया जीवन दिया है।
देवांश की दुर्घटना:
28 फरवरी को, देवांश और उनके साथी अयोध्या के लिए पद यात्रा में शामिल थे। वे विदिशा के पास थे जब एक अज्ञात वाहन ने देवांश को टक्कर मार दी।
देवांश को तुरंत विदिशा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें भोपाल के बंसल अस्पताल रेफर किया गया।
कुछ घंटों तक भोपाल में उनका इलाज चला, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ।
परिजन उन्हें लेकर इंदौर के बांबे अस्पताल गए।
बुधवार की रात से गुरुवार की दोपहर तक डॉक्टरों की टीम देवांश के उपचार में लगी रही, लेकिन ब्रेन डेथ होने के बाद सभी प्रयास विफल हो गए और शाम को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
शुक्रवार को अंगदान की प्रक्रिया के बाद उसके पार्थिव शरीर को देवास लाया गया। उसके बाद उज्जैन रोड़ स्थित शिव शक्ति नगर से अंतिम यात्रा निकाली गई।