चालक के विरुद्ध प्रकरण दर्ज, वन विभाग की सख्त कार्रवाई
सोनकच्छ। बुधवार शाम को वन विभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर इंदौर-भोपाल मार्ग पर कराडिया फाटा के पास एक ट्रक (क्रमांक MP 15 G 1926) को अवैध रूप से लकड़ी का परिवहन करते हुए पकड़ा। इस कार्रवाई में वन विभाग ने ट्रक चालक और मालिक सद्धाम पिता मुबारिक, निवासी देवास, को हिरासत में लेकर ट्रक और उसमें लदी अवैध लकड़ी जब्त की।
परिक्षेत्र सहायक, सोनकच्छ वन विभाग, सुनील मालवीय ने बताया कि शाम करीब 5:30 बजे मुखबिर की सूचना पर ट्रक को रोककर उसकी जांच की गई। ट्रक में ऊपर के हिस्से में गीली लकड़ी के गुटके भरे हुए पाए गए, जिनके परिवहन के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किए जा सके। ट्रक को दाऊलतपुर रेस्ट हाउस ले जाया गया, जहां उसका पंचनामा बनाकर आगामी कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया गया।
फिरोज खान पर लगे गंभीर आरोप
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि जब्त लकड़ी देवास के निवासी और शासकीय सेवा में कार्यरत फिरोज खान की बताई जा रही है। फिरोज खान वही पुलिसकर्मी हैं, जिन्हें कुछ दिन पहले शासकीय दीवार तोड़ने के आरोप में निलंबित किया गया था। उनके खिलाफ कोतवाली थाने में नगर निगम द्वारा भी प्रकरण दर्ज किया गया था।
यह पहला मामला नहीं है जब फिरोज खान पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं। लकड़ी के अवैध व्यापार से लेकर जमीन खरीद-फरोख्त और अन्य अवैध कार्यों में उनका नाम बार-बार सामने आता रहा है। सवाल यह उठता है कि एक पुलिसकर्मी, जिसे कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, वह खुद ऐसे गैर-कानूनी कार्यों में कैसे शामिल हो सकता है?
मीडिया के हस्तक्षेप से कार्रवाई संभव
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कुछ लकड़ी माफिया इस मामले को ले-देकर दबाने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, मीडिया के हस्तक्षेप के बाद वन विभाग ने सख्त कार्रवाई की और अवैध लकड़ी को जब्त किया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में उच्च अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई करते हैं या फिर हमेशा की तरह इसे ले-देकर रफा-दफा कर दिया जाएगा।
वन विभाग की इस कार्रवाई में गोपाल सिंह सेंधव और कृष्ण कुमार भुरिया का सहयोग महत्वपूर्ण रहा। जनता में यह चर्चा जोरों पर है कि एक शासकीय कर्मचारी, जो कई अवैध गतिविधियों में शामिल है, के खिलाफ कब तक सख्त कदम उठाए जाएंगे।
सवाल उठता है कि क्या कानून के रखवाले ही जब कानून तोड़ने लगें, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए?