देवास: शहर में शराब ठेकेदारों का सिंडिकेट बनाकर जनता को लूटने का गंभीर आरोप सामने आया है। भाजपा नेताओं की पार्टनरशिप के चलते शराब के कारोबार में अनियमितताएं बढ़ रही हैं। आरोप है कि दिल्ली में शराब घोटाले का आरोप लगाकर अरविंद केजरीवाल को जेल में डालने वालों को खुद के राज्य में भाजपा शासित सरकार में नेताओं के घोटाले नजर नहीं आ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, देवास शहर में अधिकतर शराब के ठेके भाजपा के जिला महामंत्री पोपेंद्र सिंह बग्गा के हैं। जानकारी मिली है कि कई भाजपा नेताओं ने इस बार अपना पैसा शराब के बिजनेस में लगाया है। देवास में दो ठेकेदारों के बीच सिंडिकेट बन चुका है और इसका जिम्मा मनप्रीत सिंह जुनेजा उर्फ मोनू सरदार को दिया गया है। मोनू सरदार के ठेकों में भी कुछ भाजपा से जुड़े दूसरे नेताओं का पैसा लगा हुआ है।
इस सिंडिकेट के बनने से किसी भी प्रकार की प्रतिस्पर्धा समाप्त हो गई है और इसके कारण सभी दुकानों में ओवर रेट पर शराब बेची जा रही है। जनता से जमकर लूट की जा रही है और शिकायत करने पर आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता क्योंकि सब बिके हुए हैं। आरोप है कि शराब ठेकेदारों ने प्रशासनिक अधिकारियों, आबकारी विभाग और पुलिस विभाग में कई अफसरों से तालमेल बना रखा है।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार, शराब सिर्फ ठेके से बेची जा सकती है, लेकिन देवास में सरे आम कई स्थानों पर इन ठेकेदारों की शराब होटल और ढाबों से बेची जा रही है। पिछले कई वर्षों से ठेकेदार सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रशासन और पुलिस, जिनका काम सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का सम्मान बनाए रखना है, अब खुद इन शराब ठेकेदारों के गुलाम हो गए हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सिंडिकेट के चलते जनता को जमकर लूटा जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। देवास में शराब ठेकेदारों का यह सिंडिकेट जनता के बीच आक्रोश का कारण बनता जा रहा है।
आरोप यह भी है कि जितनी भी कार्रवाई पुलिस ने अब तक की है, उसमें से अधिकतर इन ठेकेदारों द्वारा ही करवाई गई हैं। पुलिसकर्मियों को इन ठेकेदारों ने मोटी रकम देकर रखा हुआ है। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग नागरिक कर रहे हैं ताकि दोषियों को सजा मिल सके और जनता को इस लूट से निजात मिल सके।