
देवास। रसूलपुर में पागल कुत्ते के काटने से तीन वर्षीय मासूम प्रियांशु परिहार की 17 दिनों के संघर्ष के बाद मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इंदौर एमवाय अस्पताल में लापरवाही बरती गई, जहां गंभीर हालत में होने के बावजूद बच्चे को छुट्टी दे दी गई। पिता सीताराम के अनुसार देवास के एमजी हॉस्पिटल में बच्चे को एंटी रेबीज के इंजेक्शन भी लगाए गए थे लेकिन उनका कोई असर नहीं हुआ।
इलाज के लिए कई जगह भटके परिजन
20 फरवरी को प्रियांशु को पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिससे कान और सिर पर कई टांके आए थे। परिजनों ने उसे इलाज के लिए इंदौर एमवाय अस्पताल ले गए, लेकिन वहां से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद बच्चे को उज्जैन के निर्मला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। आखिर में उसे अमलतास अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां रेबीज के लक्षण उभरने के बाद आज उसकी मौत हो गई।
नगर निगम पर लापरवाही के आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता अनिल सिंह ठाकुर ने नगर निगम की लापरवाही को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि कुत्ते पकड़ने गई टीम ने गलत कुत्ते को पकड़कर पशु चिकित्सा विभाग को सौंप दिया, जबकि असली पागल कुत्ते ने सनफार्मा चौराहा पर एक ट्रक चालक और श्रमिक को भी काटा था। बाद में स्थानीय लोगों ने पागल कुत्ते को मार दिया।
पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की मांग
नेशनल यूनिटी ग्रुप के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अनिल सिंह ठाकुर, सुनील सिंह ठाकुर, हटेसिंह दरबार, अभिषेक सोनी, सीताराम योगी, जय सिंह, सत्यराज सिंह ठाकुर, जितेंद्र मारू, धीरज सेन, लक्ष्मण सिंह ठाकुर, सुभाष वर्मा सहित अन्य लोगों ने नगर निगम की लापरवाही पर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।


