देवास। मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस की SIR निगरानी समिति के अध्यक्ष सज्जन सिंह वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्रीय चुनाव आयोग (CEC) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आज भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए श्री वर्मा ने दावा किया कि SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया को BJP एक “चुनावी हथियार” बना रही है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूचियों को प्रभावित कर लोकतंत्र को कमजोर करना है।
आउटसोर्स BLO की नियुक्ति पर गंभीर सवाल
श्री वर्मा ने SIR प्रक्रिया में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा ने केंद्रीय चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर इस प्रक्रिया को अपने पक्ष में मोड़ने का षड्यंत्र रचा है। उन्होंने 5 जून 2025 को बदले गए नियमों पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि, “चुनावी सुधार नहीं, चुनावी साज़िश चल रही है।”
नए नियम के तहत, अब जिला निर्वाचन अधिकारी आउटसोर्स (अस्थाई कर्मचारी) एवं संविदा कर्मचारियों को भी बीएलओ के रूप में नियुक्त कर सकते हैं। कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि अस्थाई कर्मचारी पहले से ही राज्य सरकार के दबाव में होते हैं, जिससे SIR प्रक्रिया की निष्पक्षता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। श्री वर्मा ने आरोप लगाया कि प्रदेश के कई जिलों में आउटसोर्स बीएलओ भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर हमला
श्री वर्मा ने केंद्रीय चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में हुए संशोधन को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की संयुक्त समिति नियुक्ति करती थी, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिनिधि को हटा दिया गया है, जिससे आयोग पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में आ गया है। उन्होंने कहा कि बीएलओ के संदर्भ में 5 जून 2025 को बदले गए नियम इसी का प्रमाण हैं।
मध्यप्रदेश में SIR की अधूरी तैयारी
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने बिना तैयारी के मध्यप्रदेश में SIR प्रक्रिया लागू कर दी। उन्होंने प्रक्रियागत अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए कहा:
- बीते चार दिनों से प्रदेश के अधिकांश जिलों में न तो निर्वाचन सामग्री पहुँची है और न ही बीएलओ की नियुक्ति पूर्ण हुई है।
- प्रदेश के 2625 बूथों में से 1100 बूथों पर अब तक प्रपत्र नहीं पहुँचे हैं।
- उन्होंने प्रपत्रों की देरी को “जानबूझकर की गई राजनीतिक चाल” बताया और कहा कि एक ही वेंडर को ठेका देकर निर्वाचन दस्तावेज़ छपवाना भाजपा को लाभ पहुँचाने की सुनियोजित कोशिश है।
दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाताओं को वंचित करने का आरोप
श्री वर्मा ने दावा किया कि भाजपा का लक्ष्य दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक मतदाताओं को मताधिकार और शासकीय योजनाओं से वंचित करना है। उन्होंने कहा, “भाजपा जानती है कि यह समाज अब उसके झूठे राष्ट्रवाद से बाहर निकल चुका है। इसलिए अब भाजपा सत्ता के संरक्षण में उनके नाम मतदाता सूची से हटाकर लोकतांत्रिक अधिकार छीनना चाहती है।” उन्होंने इसे सामाजिक न्याय पर सीधा हमला बताया।
लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष
कांग्रेस ने कहा कि वह प्रदेश के हर बूथ, वार्ड और पंचायत में SIR प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखेगी। श्री वर्मा ने नागरिकों से अपने मताधिकार की रक्षा की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र की रक्षा के लिए “सड़कों से संसद तक संघर्ष जारी रखेगी” और “मोदी सरकार की तानाशाही” को देश के लोकतंत्र पर हावी नहीं होने देगी।


