देवास। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला इकाई देवास के समस्त संविदा कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण जहां एक ओर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई है, स्वास्थ्य संस्थाओं में लोग स्वास्थ्य सुविधा पाने के लिए मोहताज हैं।
जिलाध्यक्ष राजेश गुर्जर एवं एवं सीएचओ संगठन जिलाध्यक्ष हिमांशी सिंह ने बताया कि ने बताया कि मध्यप्रदेश के लगभग 32,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा वर्ष 2013, 2014, 2018 में हड़ताल की गई। 2018 में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा 42 दिन की हड़ताल की गई, जिस पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा 5 जून 2018 को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए नियमित कर्मचारियों के वेतनमान का 90 प्रतिशत मानदेय दिये जाने हेतु नीति बनायी गई, किन्तु आज तक यह नीति लागू नहीं हो सकी,। वहीं मध्यप्रदेश शासन के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने यह माना कि संविदा प्रथा गलत है ऐसी प्रथा नहीं होनी चाहिए। ऐसी प्रथा को समाप्त करना चाहिए, किन्तु आज दिनांक तक इस पर कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया। जिससे संविदा कर्मचारियों में मध्यप्रदेश शासन के खिलाफ आक्रोष है और 2022 में पुन: एक बार समस्त संविदा कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई के लिए हड़ताल पर है।
संविदा कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल के 9वें दिन जिलेभर में अनोखे रूप से प्रदर्शन कर जिला मुख्यालय के सयाजी द्वार के समीप काले गुब्बारों पर मांगे लिख आकाश में छोड़े। बागली में श्री जटाशंकर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ को मांगो के संदर्भ में पत्र अर्पित किया। साथ ही भैंस के आगे बीन बजाकर शासन-प्रशासन को जगाने का प्रयास किया। जिले में ब्लॉक कन्नौद द्वारा पीपीई किट पहनकर रैली निकालकर एवं खातेगांव द्वारा कई हिस्सों में संविदा कर्मचारियों ने रैली, धरना अन्य माध्यमों से अपनी मांगे शासन के समक्ष रखी। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने के कारण स्थिति यह आ गई है कि स्वास्थ्य संस्थाओं में ताला लटका हुआ है और मरीज उपचार और दवाइयों के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं उन्हें किसी भी तरह की जांच, दवाई, उपचार जैसी सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस अवसर पर भामसं के पदाधिकारी, कर्मचारी सहित जिले के समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे।