देवास विकास प्राधिकरण के अधिकारी और प्लॉट खरीददारों के खिलाफ लोकायुक्त में मामला दर्ज
देवास लाइव। वर्ष 2005-06 में, देवास विकास प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर एस अगस्थी ने कलेक्टर गाइडलाइन से कम दामों पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और दो प्लॉट बेचे। यह प्लॉट देवास निवासी धनराज पिता हीरालाल अग्रवाल, सुनीता पति शरद अग्रवाल, और दीपा पति मनीष अग्रवाल को बिना राज्य शासन की मंजूरी के सस्ते दामों में बेचे गए। इस बिक्री के कारण प्राधिकरण को लगभग 2.53 करोड़ रुपये की आर्थिक हानि हुई।
तत्कालीन विधायक अंतर सिंह दरबार ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त मुख्यालय भोपाल में की थी। जांच के बाद, पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन श्री अनिल विश्वकर्मा को यह मामला सौंपा गया। निरीक्षक दीपक सेजवार द्वारा की गई जांच में आर एस अगस्थी और संपत्ति क्रयकर्ता धनराज पिता हीरालाल अग्रवाल, सुनीता पति शरद अग्रवाल, और दीपा पति मनीष अग्रवाल प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए।
खरीदार धनराज अग्रवाल देवास के धन्ना सेठ और गल्ला व्यापारी हैं। पिछले दिनों इस परिवार पर जमीन संबंधित कई मामलों में गलत तरीके से संपत्ति हासिल करने का आरोप लगा है।
इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)सी, 13(2)डी और भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 120 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब इस मामले की आगे की जांच चल रही है।