देवासप्रशासनिक

कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में हुए 4.26 करोड़ के घोटाले में जांच रिपोर्ट दबाई गई, तत्कालीन CHMO बचने के प्रयास में

देवास लाइव।  देवास में हाल ही में सामने आए 4.26 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य विभाग घोटाले ने एक बार फिर सरकारी तंत्र की खामियों को उजागर किया है। इस घोटाले में लगभग 70 से 80 लोगों की संलिप्तता पाई गई है, जिसमें मुख्य रूप में डॉक्टर एमपी शर्मा का नाम उभरकर सामने आया है। कोरोना काल में मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत डॉ. शर्मा पर फर्जी बिलों के भुगतान का गंभीर आरोप है।

घोटाले की जांच रिपोर्ट के बावजूद, जिला प्रशासन ने इसे दबा दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति की कमी है। इस मामले में प्रशासन की निष्क्रियता और राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

डॉ. शर्मा, जो वर्तमान में देवास जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन के पद पर हैं, ने अपनी राजनीतिक पहुंच और नेताओं की कृपा का फायदा उठाते हुए अपने खिलाफ लगे आरोपों से बचने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। यह स्थिति केवल स्वास्थ्य विभाग की बदनामी नहीं, बल्कि जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाती है।

सवाल यह उठता है कि जब जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दोषियों के नाम सामने आ चुके हैं, तो जिला प्रशासन ने अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं और इसे खत्म करने के लिए एक मजबूत और निष्पक्ष तंत्र की आवश्यकता है।

san thome school
sardana
Sneha
Back to top button